पहाड़ में स्कूली बच्चों पर झपटा तेंदुआ, भगदड़ में एक बच्चे की मौत..लोगों में भारी आक्रोश
बागेश्वर में सड़क पर लोग उतरे हैं। गुस्सा आदमखोर तेंदुए के खिलाफ है, जो बेखौफ होकर स्कूली बच्चों पर झपट गया। एक बच्चे की मौत हो गई।
Nov 10 2018 1:07PM, Writer:प्रगति
जंगल कट रहे हैं और जंगली जानवर रिहाहशी बस्तियों में उतरकर इंसानों का शिकार करने पर उतारू हो गए हैं। बागेश्वर में जो कुछ हुआ, उससे हर कोई हैरान भी है और गुस्से में भी है। दरअसल बागेश्वर के द्यांगण गांव में शुक्रवार को एक तेंदुआ स्कूली बच्चों पर झपट पड़ा। इस दौरान स्कूली छात्रों में भगदड़ मच गई। इस भगदड़ में एक छात्र हमंत की 50 मीटर गहरे गधेरे में गिरने से मौत हो गई। दरअसल शुक्रवार शाम पांच बजे द्यांगण गांव में स्कूली बच्चे खेल रहे थे। इसी दौरान एक मकान के पीछे झाड़ियों में तेंदुआ दिखा। आपको बता दें कि इसी जगह से कुछ दिन पहले भी तेंदुआ 5 साल के एक मासूम को उठाकर ले गया था। फिर से तेंदुआ दिखा तो बच्चे डरकर भागने लगे। तेंदुए ने बच्चों के झुंड पर झपटने की कोशिश भी की।
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छात्रों की भगदड़ में एक छात्र हेमंत टंगड़िया 50 मीटर गहरे गधेरे में गिर गया। बच्चे जब घर पहुंचे तो उन्होंने इस बात की जानकारी परिजनों को दी। गांव के लोग तुरंत मौके पर पहुंचे और अचेत और लहूलुहान हालत में हेमंत को अस्पताल ले गए। लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। डॉक्टरों ने बच्चे को मृत घोषित कर दिया। इसके बाद से क्षेत्रवासियों में गुस्सा है। विरोध करने के लिए सभी लोग सड़कों पर उतर आए। बागेश्वर बैजनाथ हाईवे पर धरना दिया गया। चक्का जाम की वजह से वाहनों की लंबी लाइन लग गई। प्रशासन और वन विभाग के अधिकारियों ने काफी समझाया लेकिन गांव वाले मानने को तैयार नहीं हैं। परिजनों का कहना है कि आदमखोर को तत्काल मारे जाने के आदेश दिए जाएं और 25 लाख मुआवजा मिले, तब ही शव को उठाया जाएगा।
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मृतक छात्र हेमंत मूल रूप से बागेश्वर के बोरगांव का निवासी था। बचपन में ही उसकी मां चल बसी थी। उसकी परवरिश किसी संबंधी के घर में हो रही थी। हेमंत जूनियर हाईस्कूल बहुली में 10वीं कक्षा का छात्र था। बताया जा रहा है कि द्यांगण गांव में शुक्रवार शाम को एक घंटे से तेंदुआ मंडरा रहा था। गांव के कई लोगों ने तेंदुए को देखा। आरोप है कि वन विभाग को इस बारे में खबर भी की गई लेकिन कोई मौके पर नहीं पहुंचा। साथ ही लोगों का ये भी कहना है कि अगर वन विभाग के लोग तुरंत एक्शन में आते तो शायद ऐसा नहीं होता और हेमंत सभी के बीच में होता। घटना के बाद देर शाम गांव के लोगों ने बताया कि कई लोगों ने तेंदुए को देखा। खैर अब देखना है कि गांव वालों का ये गुस्सा शांत होता है ? या फिर प्रशासन द्वारा कोई कार्रवाई की जाती है।