जय उत्तराखंड...गांव के बेटे ने पहले ही कोशिश में टॉप की IES परीक्षा, मेहनत से पाया मुकाम
अल्मोड़ा के खत्याड़ी मोहल्ले के लोकेश ने इंजीनियरिंग सेवा परीक्षा के जरिए पहले ही प्रयास में IES परीक्षा उत्तीर्ण की है। इस परीक्षा में लोकेश ने 80वीं रैंक प्राप्त कर नगर का नाम रोशन कर दिया है।
Nov 12 2018 12:53PM, Writer:कपिल
अल्मोड़ा के लोकेश ने संघ लोक सेवा आयोग की IES (इंजीनियरिंग सेवा परीक्षा) में देश भर में 80वां स्थान हासिल कर दिया है। अल्मोड़ा के खत्याड़ी मोहल्ले के लोकेश ने इंजीनियरिंग सेवा परीक्षा के जरिए पहले ही प्रयास में IES परीक्षा उत्तीर्ण की है। इस परीक्षा में लोकेश ने 80वीं रैंक प्राप्त कर नगर का नाम रोशन कर दिया है। इससे पहले लोकेश ने भारत की जानी-मानी रिसर्च फैलोशिप PMRS के तहत IISC बैंगलुरू में पीएचडी के लिए चयन हुआ था। जिसमें पूरे भारत से 150 स्कालर्स का चयन हुआ था। आपको बता दें कि भारत सरकार की ओर से 1 साल में 55 लाख की स्कालरशिप प्रदान दी जाती है। इसके बाद उत्तराखंड के इस मेधावी का चयन भाभा एटोमिक रिसर्च सेंटर में साइंटिफिक आफिसर के पद पर हुआ। वर्तमान में लोकेश मनराल भाभा में ही कार्यरत हैं। आगे लोकेश के बारे में कुछ ख़ास बातें भी हैं।
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लोकेश की शुरुवाती पढाई-लिखाई शिशु मंदिर और विवेकानंद इंटर कॉलेज अल्मोड़ा से हुई, जिसके बाद उन्होंने राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान कुरुक्षेत्र से बी टेक किया। लोकेश को इससे पहले आइआइएससी बंग्लोरू में PHD के लिए और भाभा एटोमिक रिसर्च सेंटर में वैज्ञानिक के पद पर हुआ। इसके बाद लोकेश ने इंजीनियरिंग सेवा परीक्षा के जरिए पहले ही प्रयास में IES की परीक्षा उत्तीर्ण की है। लोकेश के पिता राजेंद्र सिंह मनराल अल्मोड़ा के ही लमगड़ा ब्लॉक में प्रभारी ब्लॉक समन्वयक और माता सरस्वती मनराल अल्मोड़ा के ही Spring Dales पब्लिक स्कूल में उप प्रधानाचार्या के पद पर कार्यरत हैं। मूल रूप से सल्ट ब्लॉक के बूंगा गांव निवासी लोकेश मनराल अपनी सफलता का श्रेय अपने माता- पिता और गुरुजनों को देते हैं। लोकेश को उनकी इस उपलब्धि पर बधाई, उज्वल भविष्य की शुभकामनाएं।