चमोली DM की पहल का असर, एक और अधिकारी ने अपने बेटे को आंगनबाड़ी में भेजा
चंमोली की जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया की पहल का असर देखिए। अब एक और अधिकारी ने अपने बच्चे का एडमिशन आंगनबाड़ी में करवाया है।
Nov 23 2018 3:05PM, Writer:मोहित रावत
वास्तव में ऐसी कहानियां जानकर फक्र महसूस होता है। कहते हैं कि समाज में बदलाव के लिए समाज के ही सबसे पहले शख्स को कदम उठाना पड़ता है। इसका एक नज़ारा हाल में देखने को मिला था। कुछ वक्त पहले ही उत्तराखंड में एक बेहतरीन पहल की गई थी। चमोली की जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने अपने बच्चे का एडमिशन किसी प्राइवेट स्कूल में नहीं बल्कि सरकारी आंगनबाड़ी केंद्र में करवाया था। अब आपको जानकर खुशी होगी कि चमोली जिले की डीएम की इस पहल का असर भी देखने को मिल रहा है। डीएम के सकारात्मक संदेश के बाद चमोली जिले के मुख्य उद्यान अधिकारी ने अपने बेटे का दाखिला आंगनबाड़ी केंद्र में कराया है। आइए इस बारे में आपोक कुछ खास बातें भी बता देते हैं... जानिए।
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दरअसल चमोली के गोपेश्वर गांव में चल रहा आंगनबाड़ी केंद्र अब वीआईपी आंगनबाड़ी केंद्र बनता जा रहा है। 18 नवंबर को जिला उद्यान अधिकारी नरेश और उनकी पत्नी श्वेता ने अपने दो साल के बच्चे का दाखिला इसी आंगनबाड़ी केंद्र में करवाया। जिला उद्यान अधिकारी नरेश का भी कहना है कि डीएम स्वाति भदौरिया ने अपने बेटे का दाखिला आंगनबाड़ी में करवाकर सभी को एक प्रेरणा दी है। उन्होंने आगे बताया कि हमने भी इस काम को प्रेरणा के रूप मेंं लिया और अपने बच्चे का दाखिला सरकारी आंगनबाड़ी केंद्र में करवाया। उनका कहना है कि सरकारी स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों में किताबी ज्ञान तो दिया ही जाता है और साथ में ही बच्चों को संस्कारों की शिक्षा भी दी जाती है। अब जानिए कि डीएम ने अपने बच्चे का दाखिला आंगनबाड़ी में क्यों करवाया था।
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उत्तराखंड में चमोली जिले की डीएम स्वाति एस भदौरिया और आईएएस नितिन भदौरिया ने अपने दो साल के मासूम बच्चे अभ्युदय भदौरिया का दाखिला किसी बड़े प्ले स्कूल में नहीं बल्कि आंगनबाड़ी केंद्र में करवाया था। इसे हर किसी ने एक अनौखी पहल माना था। आपको जानकर खुशी होगी कि डीएम के बच्चे को अब नियमित रूप से आंगनबाड़ी केंद्र में भेजा जा रहा है। डीएम स्वाति भदौरिया ने उस वक्त कहा था कि केंद्र सरकार की इस कल्याणकारी योजना के बारे में हर किसी को जानकारी होनी चाहिए। उनका कहना था कि शायद इस पहल से लोग भी आकर्षित हो सकेंगे। कुल मिलाकर कहें तो चमोली की जिलाधिकारी की इस पहल का अब पड़े अधिकारी भी स्वागत कर रहे हैं और अपने बच्चों का एडमिशन आंगनबाड़ी में करवा रहे हैं।