पौड़ी गढ़वाल की बेटी की दिल्ली में मौत, वहशी दरिंदे ने पेट्रोल छिड़ककर जलाया था
पौड़ी गढ़वाल की बेटी की दिल्ली में मौत, वहशी दरिंदे ने पेट्रोल छिड़ककर जलाया था
Dec 23 2018 2:01PM, Writer:रश्मि पुनेठा
सवाल पूछना बेहद अहम है। सवाल इसलिए क्योंकि पौड़ी गढ़वाल की एक बेटी की रूह अब चीख चीखकर गवाही दे रही है कि ‘बेटियां सुरक्षित नहींं।’ आखिर ये उत्तराखंड को किसकी नज़र लग गई कि हैवानियत का ऐसा बुरा खेल खेला गया। सिस्टम से सवाल ये है कि आखिर कब ? अब नहीं तो कब ? पौड़ी गढ़वाल के कफोलस्यू पट्टी की छात्रा को जिंदा जलाया गया था। उस बेटी ने दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में इलाज के दौरान दमं तोड़ दिया। छात्रा की मौत से पूरे उत्तराखंड में शोक की लहर है। 19 दिसंबर सुबह छात्रा को एयर एंबुलेंस से सफदरजंग अस्पताल दिल्ली रेफर किया गया। रविवार सुबह छात्रा ने उपचार के दौरान अस्पताल में दम तोड़ दिया। अब ये भी जान लीजिए कि आखिर कैसे ये सब कुछ हुआ और कैसे एक बेटी ने दम तोड़ दिया।
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ये वारदात पौड़ी जिले के कफोलस्यूं पट्टी की है। बीएससी सेकेंड ईयर की छात्रा प्रैक्टिकल परीक्षा देकर स्कूटी से घर की तरफ लौट रही थी। इस बीच गहड़ गाव का शख्स मनोज उसका पीछा करते हुए भीमली तक आ पहुंचा। उसने पहले युवती का रास्ता रोका और फिर जबरदस्ती करने की कोशिश की। जब छात्रा ने इस बात का विरोध किया, तो हैवान शख्स ने उस पर पेट्रोल छिड़ककर आग के हवाले कर दिया। इसके बाद आरोपी मौके से भाग गया। इलाका सुनसान था और छात्रा की चीख किसी को नहीं सुनाई दी। इस बीच वहां से गुजर रहे एक शख्स ने छात्रा को झुलसी हालत में पड़े देखा और तुरंत पुलिस को खबर कर दी। तुरंत ही आपात कालीन सेवा की मदद से छात्रा को जिला अस्पताल पौड़ी लाया गया। शुरुआती इलाज किया गया लेकिन छात्रा की हालत बेहद खराब हो गई थी।
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इसके बाद छात्रा को श्रीनगर मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया। बताया जा रहा है कि छात्रा का शरीर लगभग 70 प्रतिशत झुलसा हुआ है। शुरुआती जांच कहती है कि आरोपी शख्स तीन चार दिन से छात्रा को परेशान कर रहा था। उसने बकायदा छात्रा को आग लगाई और इसके बाद उसकी मां को फोन पर कहा कि ‘तुम्हारी बेटी को जला दिया है, अब जो करना है तो कर लो।’ इस वारदात के बाद से इलाके के लोग गुस्से में हैं।
सवाल ये है कि आखिर पहाड़ पर ये किसकी नज़र लग गई? आखिर इस मानसिकता को क्या हो गया है? पहाड़ में अब तक ऐसी खबरें बहुत कम सुनने को मिली हैं, ऐसे में ये खबर रौंगटे खड़े कर देती है और साथ ही सवाल खड़े करती है कि क्या वास्तव में पहाड़ में भी अब बेटियां सुरक्षित नहीं रह गई ?