देवभूमि से दुनियाभर के वैज्ञानिकों को मिली शानदार खबर..यहां भी दिखी उड़ने वाली गिलहरी
देवलसारी के बाद रानीखेत के जंगलों में उड़ान भरने वाली गिलहरी दिखी है। ये सुखद खबर है..जिससे पर्यावरण विशेषज्ञ बेहद उत्साहित हैं।
Apr 26 2019 4:13PM, Writer:कोमल नेगी
देवभूमि उत्तराखंड सांस्कृतिक धरोहर के साथ-साथ जैव विविधता के लिए भी मशहूर है, हाल ही में रानीखेत में ऐसे दुर्लभ किस्म के जीव के दर्शन हुए हैं, जिससे पर्यावरण विशेषज्ञ हैरान भी हैं और बेहद खुश भी। दरअसल पर्यटन नगरी रानीखेत के जंगलों में दुर्लभ किस्म की उड़ने वाली गिलहरी यानि फ्लाइंग स्क्वैरल दिखी है। ये वन्यजीव और प्रकृतिप्रेमियों के लिए अच्छी खबर है। पर्यावरण विशेषज्ञ इसे जैव विविधता के लिए शुभ संकेत बता रहे हैं, बता दें कि इससे पहले टिहरी के देवलसारी रेंज में भी फ्लाइंग स्क्वैरल दिखाई दी थी। वन विभाग गिलहरी की इस दुर्लभ प्रजाति को बचाने के लिए उसके रहने के स्थान को चिन्हित कर संरक्षण की योजना बना रहा है। पर्वतीय क्षेत्रों में फ्लाइंग स्क्वैरल की कितनी प्रजातियां हैं, इस पर शोध भी किया जाएगा।समुद्र तल से 1824 मीटर की ऊंचाई पर चिलियानौला रोड व ठंडी सड़क से लगे बांज, काफल, देवदार व चीड़ के मिश्रित सघन जंगल में कूदती-उछलती फ्लाइंग स्क्वैरल (पेटौरिस्टाइनी) वन्यजीव प्रेमियों के लिए अजूबा बनी हुई है।
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बता दें कि फ्लाइंग स्क्वैरल विलुप्ति की कगार पर है, इसके संरक्षण की कोशिशें की जा रही हैं, पूरे भारत में इस दुर्लभ गिलहरी की 12 प्रजातियां हैं। नेचर फोटोग्राफर कमल गोस्वामी ने उड़ने वाली गिलहरी की तस्वीरें अपने कैमरे में कैद की हैं। साथ ही सुप्रसिद्ध नेचर फोटोग्राफर, स्टेट वाइल्ड लाइफ एडवाइजरी कमेटी सदस्य पद्मश्री अनूप साह ने भी नैनीताल के बाज बहुल जंगलात में भी इसकी मौजूदगी का दावा किया है। बता दें कि तीन साल पहले समुद्रतल से 6500 फीट की ऊंचाई पर स्थित देवलसारी रेंज में पहली बार उड़ने वाली गिलहरी दिखी थी। ये गिलहरी शानदार छलांग लगाती है, जिसे देख गिलहरी के उड़ने का आभास होता है। गिलहरी के शरीर में दाएं बाएं बाजुओं से पिछले दोनों पैरों तक पर्देदार लचीली त्वचा होती है। ऊंचे स्थान से छलांग लगाने पर यह त्वचा छाता की तरह फैल जाती है और पैराग्लाइडर की तरह यह दुर्लभ गिलहरी काफी दूरी तक उड़ान भरती है। रानीखेत में दुर्लभ फ्लाइंग स्कवैरल का दिखना वाकई चमत्कार जैसा है। वन विभाग इनके संरक्षण के लिए योजना बना रहा है।