देहरादून की प्रभा को सलाम...पति की मौत के बाद संभाला बिजनेस, अब हैं सफल बिजनेस वुमन
देहरादून में रहने वाली प्रभा शाही ने पति की मौत के बाद उनके बिजनेस को संभाला, साथ ही बच्चों को पढ़ा-लिखाकर काबिल बनाया..आज उनके दोनों बेटे विदेश में नौकरी करते हैं।
May 13 2019 5:25AM, Writer:कोमल नेगी
कहते हैं कि भगवान एक वक्त पर हर जगह मौजूद नहीं रह सकता, इसीलिए उसने मां को बनाया...एक मां ही है जो अपने परिवार को संवारती है, बच्चों की पहली गुरु होती है...पर सबसे ज्यादा चुनौतियां भी एक मां की जिंदगी में ही आती हैं...दून में रहने वाली प्रभा शाही भी ऐसी ही मांओं में शामिल हैं, जो चुनौतियों से बिखरीं नहीं...टूटी नहीं, पति कि मौत के बाद उन्होंने ना केवल उनके बिजनेस को आगे बढ़ाया, बल्कि दोनों बेटों को अपने पैरों पर खड़े होने की ताकत भी दी। आज उनके दोनों बेटे कामयाब हैं और विदेश में लाखों रुपए के पैकेज वाली नौकरी कर रहे हैं। गढ़ी कैंट में रहने वाली प्रभा शाही के पति आरबी शाही का साल 2005 में हॉर्ट अटैक की वजह से निधन हो गया था, उस वक्त दोनों बच्चे छोटे थे। उनकी परवरिश किसी चुनौती से कम नहीं थी। मुश्किल की उस घड़ी में प्रभा के पास बच्चों को स्कूल में दाखिल कराने तक के पैसे नहीं थे, यहां तक कि रिश्तेदारों से भी कोई मदद नहीं मिली।
यह भी पढें - Video: देवभूमि के नन्हें यजत को मिला अमिताभ बच्चन का साथ..मां के लिए गाया गीत..देखिए
ऐसे में उन्होंने अपने पति के जलविद्युत परियोजनाओं का काम करना शुरू किया। कभी गृहणी रहीं प्रभा के लिए ये काम नया तो था ही साथ ही इसमें चुनौतियां भी थीं। पर बेटे आदित्यराज शाही और अभिषेकराज शाही के लिए उन्होंने काम करना शुरू कर दिया, जल्द ही उनकी मेहनत रंग लाई और आज प्रभा के दोनों बेटे विदेश में नौकरी करते हैं। प्रभा अब सफल बिजनेस वुमन हैं, लेकिन अपने बुरे वक्त को वो आज भी याद करती हैं। प्रभा बताती हैं कि जब उन्होंने पति का काम संभाला था तो उनके पास गाड़ी नहीं थी, उन्हें रोज 15 से 20 किलोमीटर तक पैदल चलना पड़ता था। पति के निधन के बाद उनके पास छोटे बेटे को स्कूल में भर्ती कराने तक के लिए पैसे नहीं थे, जिस वजह से वो 4 महीने तक घर पर ही रहा, बाद में उन्होंने अपने गहने बेचकर बेटे का दाखिला स्कूल में कराया। प्रभा की मेहनत का असर अब दिख रहा है, प्रभा हिमाचल प्रदेश के रोडो शहर में पति के बिजनेस को आगे बढ़ाने में जुटीं हैं, साथ ही उनकी वजह से 2 सौ लोगों को रोजगार भी मिला है।