देवभूमि की बेटी शीतल ने जीत लिया एवरेस्ट..सोर घाटी में खुशी का माहौल
ये पूरे उत्तराखंड के लिए गौरवशाली पल है, पिथौरागढ़ की रहने वाली पर्वतारोही शीतल राज ने विश्व की सबसे ऊंची चोटी एवरेस्ट पर जीत हासिल की है।
May 16 2019 6:46PM, Writer:कोमल नेगी
आज का दिन यानि 16 मई पूरे उत्तराखंड के लिए बेहद खास है, ये दिन खुद पर गर्व करने का है...पहाड़ की नारी शक्ति को सलाम करने का है...सोर घाटी के नाम से पहचाने जाने वाली पिथौरागढ़ की बेटी शीतल राज ने आज सुबह एवरेस्ट पर जीत हासिल कर ली...ये केवल शीतल की जीत नहीं है, बल्कि पहाड़ की हर उस बेटी की जीत है जो कि विषम परिस्थियों और संघर्ष में भी अपने सपनों को उड़ान देने में जुटी हुई है...अपनी अलग पहचान बनाने के लिए संघर्ष कर रही है...पर्वतारोही शीतल राज सोमवार को बेस कैंप से एवरेस्ट समिट के लिए निकली थी, जैसा की उम्मीद की जा रही थी कि 16 मई को वो एवरेस्ट समिट कर लेंगी, ठीक वैसा ही हुआ भी...सुबह जैसे ही शीतल के एवरेस्ट फतह की खबर सोर घाटी में पहुंची, लोगों के चेहरे खिल उठे। शीतल के कोच एवरेस्ट विजेता योगेश गर्ब्याल ने बताया कि 15 मई की रात ही शीतल एवरेस्ट की चोटी फतह करने के लिए निकल गई थीं और आज सुबह उन्होंने एवरेस्ट की चोटी पर जीत हासिल की।
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आपको बता दें कि पिछले महीने ही शीतल मिशन एवरेस्ट के लिए निकल पड़ीं थीं। वो 5 अप्रैल को काठमांडू से एवरेस्ट के बेसकैंप के लिए रवाना हुई थीं और 15 अप्रैल को बेस कैंप पहुंची। 12 मई तक शीतल ने बेस कैंप में दूसरे पर्वतारोहियों के साथ रॉक क्लाइंबिंग की प्रैक्टिस की। शीतल में गजब का हौसला है, पहाड़ के छोटे से गांव से निकलकर एवरेस्ट तक का सफर उनके लिए बेहद मुश्किल भरा रहा, लेकिन वो हारी नहीं। शीतल 2017 में विश्व की तीसरी सबसे ऊंची चोटी कंचनजंगा को सबसे कम 22 वर्ष की उम्र में फतह करने का विश्व रिकार्ड भी बना चुकी हैं। उनका परिवार पिथौरागढ़ में रहता है, शीतल अब तक कई चोटियों पर जीत हासिल कर चुकी हैं...सोर घाटी की इस बेटी को राज्य समीक्षा की तरफ से ढेर सारी शुभकामनाएं...शीतल तुम यूं ही आगे बढ़ती रहो और हर चुनौती पर जीत हासिल करती रहो।