उत्तराखंड में सेना के जवान ने की खुदकुशी..फांसी लगाकर दी जान
पहाड़ में असम राइफल्स के जवान ने फांसी लगा ली, बताया जा रहा कि जवान डिप्रेशन में था।
May 27 2019 6:48PM, Writer:कोमल नेगी
देश की आन-बान और शान की रक्षा अपनी हिम्मत और हौसले से करने वाला सेना का एक जवान डिप्रेशन से जंग हार गया। पिथौरागढ़ के रहने वाले इस जवान ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। जवान की मौत के बाद उसकी पत्नी, बेटी और बेटे का रो-रोकर बुरा हाल है, हर किसी के मन में बस यही सवाल है कि जिस जवान ने कभी किसी के सामने घुटने नहीं टेके, वो आखिर तनाव से जंग कैसे हार गया। ऐसी कौन सी समस्या थी, जिसका समाधान केवल खुदकुशी थी। मृतक का नाम जंग बहादुर सिंह सिंह पाल है। 49 साल के जंग बहादुर असम राइफल्स में तैनात थे। वो मूल रूप से बगड़ीघाट अल्मोड़ा के रहने वाले थे। परिजनों ने बताया कि 14 मई को जंग बहादुर छुट्टी लेकर बिठौरिया स्थित अपने घर आए हुए थे, घर में उनका व्यवहार सामान्य था, तब किसी ने सोचा भी नहीं था कि वो अचानक अपनी जान ले लेंगे। शनिवार की रात 11 बजे खाना खाने के बाद वो सोने के लिए अपने कमरे में चले गए थे। उस वक्त घर में उनकी पत्नी गीता और बेटी थी। रविवार सुबह पत्नी ने जब उन्हें जगाने के लिए आवाज लगाई तो किसी ने कोई जवाब तक नहीं दिया।
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कमरे का दरवाया अंदर से बंद था। काफी देर बाद भी जब दरवाजा नहीं खुला तो गीता ने इसकी सूचना तुरंत अपने भाई को दी। परिजनों ने दरवाजा तोड़ा तो कमरे के भीतर का मंजर देख उनके पैरों तले जमीन खिसक गई। कमरे में जंग बहादुर की लाश पंखे से लटक रही थी। परिजनों ने इसकी सूचना तुरंत पुलिस को दी। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और लाश को नीचे उतारा। परिजनों ने बताया कि जंग बहादुर शराब का सेवन करते थे, लेकिन वो किस वजह से तनाव में थे इसके बारे में उन्हें भी नहीं पता। अपनी परेशानी उन्होंने कभी किसी को नहीं बताई। जंग बहादुर का इकलौता बेटा सागर पाल नेवी में काम करता है, पिता की मौत की खबर मिलने के बाद वो भी घर पहुंच गया है। जवान जंग बहादुर की खुदकुशी की वजह पता नहीं चल पाई है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।