गौरवशाली पल: पहाड़ के अजीत डोभाल को मिला कैबिनेट मंत्री का दर्जा, मोदी ने बढ़ाई ताकत
अजीत डोभाल पर पीएम का भरोसा कायम है, उन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया है, साथ ही वो एनएसए भी बने रहेंगे...
Jun 3 2019 6:10PM, Writer:कोमल नेगी
पहाड़ और पहाड़ी हर जगह छाए हुए हैं। पहाड़ के होनहार लाल केंद्र में अहम पदों पर बने हुए हैं, और अब पीएम मोदी के दोबारा सत्ता में आने के बाद उनकी ताकत में भी इजाफा हुआ है। एक बड़ी खबर इस वक्त राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल को लेकर आ रही है। पता चला है कि उनके बेहतरीन काम को देखते हुए उन्हें कैबिनेट रैंक का दर्जा दिया गया है। ये केवल एनएसए अजीत डोभाल के लिए ही नहीं पूरे पहाड़, पूरे उत्तराखंड के लिए गर्व की बात है। अजीत डोभाल पीएम मोदी के खासम-खास माने जाते हैं, यही वजह है कि उन्हें कैबिनेट रैंक का दर्जा मिला है। इसके पीछे सबसे बड़ी वजह अजीत डोभाल का बेहतरीन काम और पिछले पांच साल के दौरान लिए गए उनके महत्वपूर्ण फैसले हैं। कमाल की बात ये है कि दर्जा देते वक्त ही सरकार ने ये भी साफ कर दिया है कि डोभाल इस पद पर अगले 5 साल तक बने रहेंगे।
यह भी पढें - उत्तराखंड के दो जिलों में बादल फटे...अब 5 जिलों में बारिश-आंधी का अलर्ट
सरकार के इस एक फैसले ने ये साफ कर दिया है कि केंद्र में अजीत डोभाल का कद बढ़ गया है, सरकार ने उन पर भरोसा जताया है और ये भरोसा यूं ही कायम रहेगा। एक और महत्वपूर्ण बात आपको बता देते हैं और वो ये है कि भले ही उन्हें कैबिनेट रैंक का दर्जा मिला हो, लेकिन वो एनएसए भी बने रहेंगे। लोकसभा चुनाव में मिली शानदार जीत के बाद से ये कयास लगाए जा रहे थे कि अजीत डोभाल को अहम जिम्मेदारी मिल सकती है। उनकी ताकत में लगातार इजाफा होगा, और ऐसा ही हुआ भी। एक आईएएस अधिकारी से लेकर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बनने तक का सफर अजीत डोभाल ने कैसे तय किया, ये भी आपको बताते हैं। अजीत डोभाल को 2014 में 5वां राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बनाया गया था। पीएम मोदी के साथ मिलकर अजीत डोभाल ने कई महत्वपूर्ण फैसले लिए, जिनके दूरगामी परिणाम हम सबके सामने हैं।
यह भी पढें - Video: जलप्रलय से तबाह हुआ देवभूमि का खीड़ा गांव, लोगों के घर भी नहीं बचे..देखिए
उनकी निगरानी में ही 29 सितंबर 2016 को पाक अधिकृत कश्मीर में सर्जिकल स्ट्राइक की गई थी। इस साल 26 फरवरी को पाकिस्तान के बालाकोट में एयर स्ट्राइक के पीछे भी अजीत डोभाल की ही रणनीति थी। वो 6 साल पाकिस्तान में मुसलमान बनकर भारत के लिए जासूसी भी कर चुके हैं। डोभाल पहले ऐसे पुलिस अधिकारी हैं जिन्होंने साल 1988 में कीर्ति चक्र हासिल किया। अजीत डोभाल 1968 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। वो पूर्व आईबी प्रमुख भी रह चुके हैं। अजीत डोभाल मूलरूप से उत्तराखंड के पौड़ी जिले के रहने वाले हैं। कैबिनेट मंत्री का दर्जा मिलने के साथ ही एनएसए बने रहना एक बड़ी उपलब्धि है, पूरे उत्तराखंड को उन पर गर्व है। हमारी तरफ से हप उत्तराखंडी को बधाई।