image: Big earthquake hazard from Tibet to Uttarakhand

उत्तराखंड से तिब्बत तक महाभूकंप का खतरा, रिसर्च में सामने आई चौंकाने वाली बातें

वैज्ञानिकों की मानें तो तिब्बत से लेकर पूरे उत्तराखंड क्षेत्र पर महाभूकंप यानि मेगा अर्थक्वेक का खतरा मंडरा रहा है...पढ़ें पूरी खबर
Oct 17 2019 1:11PM, Writer:कोमल नेगी

उत्तराखंड की धरती बार-बार डोल रही है, ये अच्छा संकेत नहीं है। अब हम आपको जो खबर बताने जा रहे हैं, उसे पढ़कर आपकी चिंता बढ़ने वाली है। वैज्ञानिकों की मानें तो तिब्बत से लेकर पूरे उत्तराखंड क्षेत्र पर महाभूकंप यानि मेगा अर्थक्वेक का खतरा मंडरा रहा है। पूरे हिमालयी क्षेत्र में तेजी से भूकंपीय ऊर्जा इकट्ठी हो रही है, जो कि बाहर नहीं निकल पा रही। ये अच्छा संकेत नहीं है, भूगर्भ में इकट्ठा हो रही ऊर्जा कभी भी भूकंप के रूप में बड़ी तबाही ला सकती है। ये बात वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. आरजे पेरुमल के अध्ययन में पता चली है। डॉ. आरजे पेरुमल वाडिया हिमालय भूविज्ञान संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक हैं। इसी अध्ययन के लिए हाल ही में डॉ. पेरुमल को नेशनल जियोसाइंस अवार्ड से नवाजा गया है। उन्होंने बताया कि कुमाऊं-गढ़वाल और नेपाल हिमालय यानि तिब्बत से उत्तराखंड वाले भूभाग में नेशनल जियोफिजिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट (एनजीआरआइ) समेत अन्य संस्थानों ने जीपीएस स्टेशन स्थापित किए हैं। इनके अध्ययन में कई चौंकाने वाली बातें सामने आई हैं।

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अध्ययन से पता चला कि यहां का हिमालयी भूभाग हर साल 18 मिलीमीटर की दर से दक्षिण की तरफ खिसक रहा है, जबकि शेष हिमालयी क्षेत्र में यह दर 12 से 16 मिलीमीटर के बीच है। ज्यादा सक्रियता की वजह से लगातार भूकंपीय ऊर्जा पैदा हो रही है। अध्ययन से ये भी पता चला कि उत्तराखंड में साल 1344 और 1505 में लालढांग के पास आठ रिक्टर स्केल से अधिक तीव्रता के भूकंप आए हैं। इसके बाद से यहां कोई बड़ा भूकंप नहीं आया। यही वजह है कि लंबे वक्त से भूगर्भ में इकट्ठा हो रही ऊर्जा कभी भी महाभूकंप का सबब बन सकती है। भूकंप कब आएगा, फिलहाल इस बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता। पर वैज्ञानिकों ने ये जरूर कहा है कि पूरे हिमालयी क्षेत्र पर बेहद शक्तिशाली भूकंप का खतरा मंडरा रहा है।


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