image: Dm mangesh ghildiyal  reached in kedarnath

रुद्रप्रयाग: 9 फीट बर्फ में 16 km पैदल चले डीएम मंगेश, केदारनाथ में लिया नुकसान का जायजा

रविवार को डीएम मंगेश घिल्डियाल (Dm mangesh ghildiyal) बर्फीले रास्ते पर 16 किलोमीटर पैदल चलकर केदारनाथ धाम पहुंचे। वो केदारनाथ यात्रा की तैयारियों का जायजा लेने आए थे। इस दौरान उन्होंने केदारनाथ में बर्फबारी से हुए नुकसान का जायजा भी लिया…
Feb 18 2020 5:11PM, Writer:कोमल नेगी

हम अफसरशाही को अक्सर कोसते रहते हैं, लेकिन पहाड़ में कुछ अफसर ऐसे भी हैं, जो कि जनता के हित के लिए समर्पित हैं। इन्हीं अफसरों में से एक हैं रुद्रप्रयाग के डीएम मंगेश घिल्डियाल, जो कि केदारनाथ यात्रा के जरिए ग्रामीणों को स्वावलंबी बनाने की कोशिश में जुटे हैं। उनके किए कामों का असर जिले में दिख भी रहा है। हाल ही में डीएम मंगेश घिल्डियाल (Dm mangesh ghildiyal) बर्फीले रास्ते पर 16 किलोमीटर पैदल चलकर केदारनाथ धाम पहुंचे। वो केदारनाथ यात्रा की तैयारियों का जायजा लेने आए थे। इस दौरान उन्होंने केदारनाथ में बर्फबारी से हुए नुकसान का जायजा भी लिया। डीएम के साथ पुलिस अधीक्षक नवनीत सिंह भुल्लर भी थे। धाम तक पहुंचने के लिए दोनों अफसर अपनी टीम के साथ 16 किलोमीटर पैदल चले, जिसमें से दस किमी का सफर उन्होंने नौ फीट बर्फ के बीच तय किया। बाकी हिस्से में भी एक से तीन फीट बर्फ जमी थी।

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डीएम मंगेश घिल्डियाल (Dm mangesh ghildiyal) के साथ गौरीकुंड से विभिन्न विभागों के तकरीबन 30 अधिकारी भी केदारनाथ के लिए रवाना हुए थे, लेकिन पैदल यात्रा से घबराकर ज्यादातर अफसर बीच रास्ते में ही रुक गए। वो भीमबली से आगे जाने की हिम्मत नहीं जुटा पाए और वापस लौट गए। बाद में डीएम एसडीआरएफ और डीडीआरएफ के 8 जवानों के साथ केदारनाथ पहुंचे। जहां उन्होंने यात्रा से जुड़े विभागों को अप्रैल के पहले हफ्ते तक यात्रा व्यवस्थाएं बहाल करने के निर्देश दिए। डीएम मंगेश घिल्डियाल शनिवार को केदारनाथ के लिए रवाना हुए थे। पहले दिन उन्होंने लिनचोली में रात्रि विश्राम किया, रविवार को केदारनाथ धाम पहुंचे। डीएम ने जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को गौरीकुंड में काम करने वाले मजदूरों और यात्रियों के लिए शौचालय बनाने के निर्देश दिए। जल संस्थान को पेयजल लाइन दुरुस्त करने और ऊर्जा निगम को क्षतिग्रस्त विद्युत लाइन की मरम्मत करने को कहा। डीएम ने जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी को 20 फरवरी से यात्रा मार्ग पर डीडीआरएफ के 44 और यात्रा व्यवस्था देखने वाले 26 जवान तैनात करने के निर्देश भी दिए। धाम और पैदल मार्ग का निरीक्षण करने के बाद डीएम रविवार को ही गौरीकुंड वापस लौट आए।


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