भारत-चीन हिंसक झड़प:..17 दिन की बेटी का चेहरा भी नहीं देख पाए शहीद कुंदन
कुंदन की 17 दिन की बेटी है और वह उसे अपने आंखों से नहीं देख सके। कुंदन गालवन घाटी में तैनात थे।
Jun 17 2020 2:13PM, Writer:राज्य समीक्षा डेस्क
लद्दाख के गालवन घाटी में चीनी सैनिकों के साथ दो-दो हाथ करते हुए भारतीय सेना के जांबाज़ कुंदन ओझा शहीद हो गए। कुंदन ओझा झारखंड के साहिबगंज के रहने वाले थे। वह 5 महीने पहले अपने घर आए थे और अपने दोस्तों से वादा करके गए थे कि जल्द ही फिर मिलेंगे। कुंदन दुश्मनों से लड़ते-लड़ते शहीद हो गए और अपना वादा नहीं निभा पाए। दुखद बात यह है कि कुंदन की 17 दिन की बेटी है और वह उसे अपने आंखों से नहीं देख सके। कुंदन गालवन घाटी में तैनात थे। गालवन घाटी में जिस जगह कुंदन तैनात थे उसी जगह पर चीनी सैनिकों के साथ भारतीय सैनिकों की झड़प पूरी। 26 साल के कुंदन साहिबगंज के रहने वाले थे। उनकी एक बहन और दो भाई हैं। 2 साल पहले कुंदन की शादी सुल्तानगंज में हुई थी और कुछ दिन पहले ही उन्हें बेटी हुई थी। कुंदन अपनी बेटी से मिलने के लिए घर आने वाले थे लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। कुंदन कुंदन लद्दाख के गालवन घाटी में तैनात थे और वहां चीन की धोखेबाजी के शिकार हो गए। कुंदन ओझा की शहादत की खबर मिलने के बाद उनका पूरा परिवार सदमे में है। गांव वालों को अपने इस जांबाज़ के बलिदान पर गर्व है। अपने पिता की वापसी का इंतजार इस नवजात बेटी को जीवन भर रहेगा। हिंदी को पता भी नहीं कि उसके पिता अब कभी नहीं लौटेंगे। वह देश के ऐसे सफर पर निकल पड़े हैं जहां से लौटना नामुमकिन है।
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