पहाड़ की धनुर्धर बेटी..मिलिए 13 साल की तीरंदाज चैंपियन मानसी ढुकलान से
मिलिए कोटद्वार की मानसी डुकलान से जिन्होंने महज 6 वर्ष की उम्र में ही धनुष बाण से दोस्ती कर ली थी और उनका सपना है कि वे ओलंपिक्स खेलों में तीरंदाजी में भारत का प्रतिनिधित्व करें।
Jan 24 2021 4:07PM, Writer:Komal Negi
उत्तराखंड में प्रतिभाओं की कमी नहीं है। खासकर कि उत्तराखंड के अंदर कई ऐसे प्रतिभाशाली युवा हैं जो अपनी मेहनत से लगातार आगे बढ़ रहे हैं और राज्य का नाम रोशन कर रहे हैं। पढ़ाई हो या खेल का क्षेत्र हर फील्ड में प्रदेश के युवा आगे आ रहे हैं और एक बेहतर भविष्य की नींव रख रहे हैं। आज हम आपको पहाड़ की एक ऐसी ही बेटी से मिलाने जा रहे हैं जिनकी उम्र भले ही कम है मगर देश के लिए कुछ कर दिखाने की भावना उनमें साफ दिखाई देती है। मिलिए कोटद्वार की 13 वर्षीय मानसी डुकलान से। महज 6 वर्ष की थी मानसी जब उन्होंने अपने हाथ में पहली बार धनुष और बाण लिया था। 6 वर्ष की बेहद कम उम्र में उन्होंने धनुष बाण लेकर खेलना शुरू कर दिया था और तभी से उनके अंदर एक बेहतर तीरंदाज बनने के गुण नजर आने लगे। अब वे 13 वर्ष की हो चुकी हैं और इतनी छोटी सी उम्र में वे तीरंदाजी में एक्सपर्ट हो चुकी हैं। उन्होंने धनुषबाण को हाथ में लेकर एक बहुत ही बड़ा सपना देखा है और ऐसा लक्ष्य साधने का प्रण भी लिया है जिसके लिए उनको कठिन से कठिन परिश्रम करना पड़ेगा
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कोटद्वार के काशीरामपुर वार्ड की निवासी 13 वर्षीय मानसी डुकलान ओलंपिक खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व करने की चाह रख रही हैं और वे इस ओर काफी मेहनत भी करती दिखाई दे रही हैं। महज 10 वर्ष की आयु में मानसी ने 2017 में विजयवाड़ा आंध्र प्रदेश में आयोजित 9वी मिनी जूनियर नेशनल आर्चरी चैंपियनशिप में प्रतिभाग किया था और उन्होंने इस प्रतियोगिता में 20वीं रैंक हासिल की थी। 2018 में पुनः यह प्रतियोगिता आयोजित हुई जिसमें मानसी ने दुगनी मेहनत कर 10वीं रैंक प्राप्त की। उनके प्रशिक्षक संदीप का कहना है कि उनको मानसी के अंदर बेहतर तीरंदाज बनने के गुण नजर आते हैं और मानसी बेहद मेहनती भी है। ऐसे में उनको पूरा यकीन है कि मानसी एक दिन ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व जरूर करेंगी।
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मानसी का कहना है कि वे भविष्य में ओलंपिक खेलों में तीरंदाजी प्रतियोगिता में भारत का प्रतिनिधित्व करना चाहती हैं। वे बताती हैं कि तीरंदाजी के क्षेत्र में लड़कियों के पास आगे बढ़ने के कई अवसर हैं। उनका कहना है कि वे जब 6 साल की थीं तब से उनको तीरंदाजी का शौक है और अब वे तीरंदाजी की लगातार प्रैक्टिस कर रही हैं और स्कूल की तरफ से होने वाली राजकीय एवं राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भी भाग ले रही हैं। उनके प्रशिक्षक संदीप बताते हैं कि मानसी रिकर्व डिवीजन में तीरंदाजी करती हैं एवं ओलंपिक में भी इसी डिवीजन की प्रतियोगिता आयोजित की जाती है। फिलहाल मानसी देहरादून में आयोजित होने वाली जूनियर नेशनल आर्चरी चैंपियनशिप के लिए तैयारी में जुटी हुई हैं।