उत्तराखंड के लिए गौरवशाली पल..राजपथ पर ‘समविजय’ टीम का नेतृत्व करेंगे कैप्टन शुभम
कैप्टन शुभम का परिवार देहरादून के राजेंद्रनगर में रहता है। आरडी परेड में इस बार वह कोर ऑफ सिग्नल के एडवांस इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सिस्टम ‘समविजय’ के कंटेनजेन दस्ते का नेतृत्व करते दिखेंगे।
Jan 24 2021 4:12PM, Writer:Komal Negi
दिल्ली के राजपथ पर 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस परेड में हमेशा की तरह इस बार भी उत्तराखंड का प्रतिनिधित्व देखने को मिलेगा। इस बार उत्तराखंड के एक और आर्मी ऑफिसर को 26 जनवरी पर राजपथ में होने वाली परेड में अपनी सैन्य टुकड़ी को लीड करने का मौका मिला है। जिस अफसर की हम बात कर रहे हैं, उनका नाम कैप्टन शुभम शर्मा हैं। कैप्टन शुभम का परिवार देहरादून के राजेंद्रनगर में रहता है। आरडी परेड में इस बार वह कोर ऑफ सिग्नल के एडवांस इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सिस्टम ‘समविजय’ के कंटेनजेन दस्ते का नेतृत्व करते दिखेंगे। कैप्टन शुभम शर्मा ने ये उपलब्धि हासिल कर उत्तराखंड को गौरवान्वित किया है। इस बार कोविड-19 के मद्देनजर कोर ऑफ सिग्नल का मार्च दस्ता आरडी परेड में नहीं दिखेगा, हालांकि कैप्टन शुभम शर्मा ‘समविजय’ के कंटेनजेन दस्ते को लीड कर इस कमी की भरपाई करने का प्रयास करेंगे।
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चलिए अब आपको कैप्टन शुभम शर्मा के बारे में और डिटेल देते हैं। कैप्टन शुभम शर्मा साल 2015 में भारतीय सैन्य अकादमी से पास आउट हुए थे। वो इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर तकनीक में पारंगत सैन्य अधिकारी के तौर पर जाने जाते हैं। इससे पहले उन्होंने बीते 15 जनवरी को सेना दिवस के मौके पर हुई परेड में भी अपने कंटेनजेन दस्ते को लीड किया था। कैप्टन शुभम वर्तमान में टू इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर बटालियन में तैनात हैं। यहां आपको इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सिस्टम के बारे में भी जानना चाहिए। ये एक उच्च स्तरीय इंटेलिजेंस उपकरण है। इसमें विद्युत चुंबकीय स्पेक्ट्रम का इस्तेमाल किया जाता है। युद्ध की बदलती नीति को देखते हुए भारतीय सेना को कुछ समय पहले ही इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सिस्टम से लैस किया गया था। भारत-पाकिस्तान और भारत-चीन सीमा पर इस उपकरण की खास अहमियत है।