उत्तराखंड: लॉकडाउन में नौकरी छूटी तो होनहारों ने शुरू की कंपनी..आज 10 लोगों को दे रहे रोजगार
नैनीताल के छह जुझारू युवाओं ने महामारी के चलते पैदा हुई चुनौतियों को अवसर में बदल डाला। अपने काम की शुरुआत कर क्षेत्र के दूसरे युवाओं के लिए भी रोजगार के अवसर सृजित किए। जानिए इनके बारे में
Jan 24 2021 7:12PM, Writer:Komal Negi
सफलता हासिल करने की चाह हो तो हमें हर कदम का महत्व समझना होगा। अब नैनीताल के छह दोस्तों को ही देख लें, जब कोरोना काल ने लाखों लोगों की जॉब छीन ली, तब ये युवा अपने शहर में नए बिजनेस की नींव डाल रहे थे। लॉकडाउन की चिंता के बीच इन्होंने परिवार की मदद ने न सिर्फ खुद की कंपनी शुरू की, बल्कि उसके जरिए कई बेरोजगारों को भी काम से जोड़ा। लोग अक्सर कहते हैं कि पहाड़ में शहरों की तरह बिजनेस नहीं हो सकता, लेकिन इन होनहार युवाओं ने इस बात को गलत साबित कर दिया। बिजनेस से तरक्की की राह तलाशने वाले इन युवाओं में रुचिर साह, गोविंद बिष्ट, सुरेंद्र बिष्ट, राहुल रौतेला, मयंक साह और विजय सिंह शामिल हैं। ये उन लोगों के लिए प्रेरणास्त्रोत हैं जो जरा सी मुश्किल आते ही हार मान लेते हैं।
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चलिए आपको इन युवाओं की कहानी बताते हैं। रुचिर साह बताते हैं कि लॉकडाउन का दौर उनके और दोस्तों के लिए मुसीबत लेकर आया। लॉकडाउन के चलते रुचिर को अपना रेस्टोरेंट बंद करना पड़ा। टीम में शामिल मयंक को भी कंपनी छोड़कर नैनीताल लौटना पड़ा। सुरेंद्र भी दिल्ली से जॉब छोड़कर घर आ गया। वहीं गोविंद का काम भी ठीक नहीं चल रहा था। अगस्त में सभी छह दोस्त कैंची धाम पहुंचे और वहीं स्वरोजगार शुरू करने की कल्पना की। इस सपने को हकीकत का रूप देने के लिए इन्होंने हल्द्वानी में एडवरटाइजिंग कंपनी की शुरुआत की। इसके लिए रकम की जरूरत थी। तब सबने खुद की जमापूंजी दी, परिवार से भी मदद ली। जो कमी पड़ी उसे बैंक से लोन लेकर पूरा किया गया।
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इस तरह 50 लाख रुपये के निवेश से इन दोस्तों की एडवरटाइजिंग कंपनी शुरू हो गई। राहुल और गोविंद को इस काम का पहले से तजुर्बा था। इसलिए परेशानी नहीं हुई। रुचिर बताते हैं कि सभी दोस्तों को कंपनी की मार्केटिंग से लेकर ऑर्डर समेत दूसरे कामों की जिम्मेदारी सौंपी गई है। अभी इन छह दोस्तों के अलावा यहां दस लोग और काम कर रहे हैं। यानी इन लोगों ने दस लोगों को रोजगार दिया है। इस तरह इन जुझारू युवाओं ने महामारी के चलते पैदा हुई चुनौतियों को अवसर में बदल डाला। अपने काम की शुरुआत कर क्षेत्र के दूसरे युवाओं के लिए भी रोजगार के अवसर सृजित किए। रुचिर कहते हैं कि काम अच्छा चल रहा है। जैसे-जैसे काम आगे बढ़ेगा हम पहाड़ के दूसरे युवाओं को भी रोजगार से जोड़ने का प्रयास करेंगे।