गढ़वाल: मां-बाप ने बच्चों को पढ़ाई करने श्रीनगर भेजा..कॉलेज में चरस बेचने लगे लाडले
जो गढ़वाल यूनिवर्सिटी कभी पढ़ाई के लिए मशहूर हुआ करती थी, वो अब नशाखोरी के लिए बदनाम हो रही है। यहां 31 मई को भी यूनिवर्सिटी के दो छात्र चरस तस्करी करते हुए पकड़े गए थे।
Jun 11 2021 8:36PM, Writer:Komal Negi
नशे की लत उत्तराखंड की युवा पीढ़ी को किस कदर बर्बाद कर रही है, इसकी एक बानगी श्रीनगर गढ़वाल में देखने को मिली। यहां पुलिस ने गढ़वाल यूनिवर्सिटी के दो छात्रों को नशीले पदार्थों की तस्करी के आरोप में पकड़ा है। दोनों छात्रों को उनके माता-पिता ने बड़ी उम्मीदों से यूनिवर्सिटी में पढ़ने भेजा था, लेकिन ये लड़के श्रीनगर आकर चरस बेचने लगे। पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक दोनों आरोपी छात्र टिहरी के बूढ़ाकेदार से चरस की तस्करी कर श्रीनगर ला रहे थे। मुखबिर से मिली सूचना पर पुलिस ने जाल बिछाया और दोनों छात्रों को नशे की खेप के साथ धर दबोचा। गुरुवार को श्रीनगर कोतवाली में हुई प्रेस कांफ्रेंस में पुलिस उपाधीक्षक श्यामदत्त नौटियाल ने मामले का खुलासा किया। उन्होंने बताया कि गढ़वाल यूनिवर्सिटी के दो छात्रों के चरस तस्करी में लिप्त होने की सूचना मिली थी। जिसके बाद एक पुलिस टीम का गठन कर आरोपियों की तलाश शुरू कर दी गई।
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बुधवार को पुलिस ने आरोपियों को कीर्तिनगर पुल के पास गिरफ्तार कर लिया। आरोपियों में घनसाली के ग्राम चानीवासर का रहने वाला 23 साल का राहुल नेगी और थाती डागर, कीर्तिनगर का रहने वाला वरुण नेगी शामिल है। राहुल गढ़वाल केंद्रीय विवि श्रीनगर में एमएससी फाइनल ईयर का छात्र है। तलाशी के दौरान उसके पास से 790 ग्राम चरस बरामद हुई। जबकि दूसरे छात्र वरुण नेगी के पास से 110 ग्राम चरस मिली। वरुण अभी बीए फर्स्ट ईयर का छात्र है। पुलिस के मुताबिक पकड़े गए दोनों युवक बूढ़ाकेदार से चरस लाकर यहां स्कूल और कॉलेजों के छात्रों को बेचते थे। पुलिस ने आरोपियों की बाइक सीज कर दी है। दोनों के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट में मुकदमा दर्ज हुआ है। चिंता की बात ये है कि जो गढ़वाल यूनिवर्सिटी कभी पढ़ाई के लिए मशहूर हुआ करती थी, वो अब नशाखोरी के लिए बदनाम हो रही है। यहां इससे पहले भी 31 मई को यूनिवर्सिटी के दो छात्र चरस तस्करी करते हुए पकड़े गए थे। गिरफ्तारी के बाद दोनों छात्र जेल भेजे जा चुके हैं।