उत्तराखंड रोडवेज में जल्द दिखेगा बड़ा बदलाव, CNG में बदलेंगी 500 बसें..जानिए वजह
माली हालत मजबूत करने के लिए रोडवेज अपने कुछ डिपो को खत्म करेगा, कर्मचारियों को भी कम किया जाएगा। इसके अलावा 500 बसों को सीएनजी सिस्टम में बदलने की योजना है।
Jul 2 2021 7:10PM, Writer:कोमल नेगी
घाटे से जूझ रहे उत्तराखंड रोडवेज के दिन बहुरने वाले हैं। आर्थिक संकट से जूझ रहे रोडवेज ने अब मदद के लिए सरकार की तरफ ताकने की बजाय पुनरुद्धार योजना (रिवाइवल प्लान) बनाया है। हाईकोर्ट के आदेश पर तैयार प्लान के तहत रोडवेज ने अपनी 500 बसों को सीएनजी सिस्टम में बदलने का फैसला लिया है। ये काम साल 2024-25 तक पूरा हो जाएगा। माली हालत मजबूत करने के लिए रोडवेज अपने कुछ डिपो को खत्म करेगा, कर्मचारियों को भी कम किया जाएगा। रोडवेज के एमडी अभिषेक रुहेला ने यह रिपोर्ट सरकार को सौंपी थी। इसे सरकार ने हाईकोर्ट के सामने भी पेश किया। रिपोर्ट को भविष्य में और संशोधित किया जा सकता है। बता दें कि कोरोना काल में वाहनों का संचालन रुकने से परिवहन निगम करीब 520 करोड़ के घाटे में है। निगम पर चार महीने का वेतन लंबित है।
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बीते सवा साल से रोडवेज राज्य सरकार से मिली मदद के आधार पर कर्मचारियों को वेतन दे रहा है। अब रोडवेज प्रबंधन ने आर्थिक मदद के लिए बार-बार सरकार पर निर्भर रहने के बजाए अपनी आर्थिक स्थिति मजबूत करने के लिए रिवाइवल प्लान बनाया है। इसके तहत 500 बसों को सीएनजी में बदलने की योजना है, जिससे 57.3 करोड़ के डीजल की बचत होगी। एसीपी-प्रमोशन का अधिकार मंडल से छीनकर मुख्यालय को सौंपा जाएगा। दून-दिल्ली रूट पर डिपो से डिपो तक नॉनस्टॉप बस सेवाएं शुरू की जाएंगी। पर्मानेंट कर्मियों की जवाबदेही बढ़ाई जाएगी। उन्हें नए सिरे से काम दिया जाएगा। रिटायर होने वाले कर्मियों की जगह नई भर्ती नहीं होगी, इनकी जगह सरप्लस कर्मी फिट होंगे। इस तरह प्लान के आधार पर रोडवेज में नए सिरे से कर्मचारियों की संख्या तय की जाएगी। हर कर्मचारी के पद का काम तय किया जाएगा।