बदरीनाथ के माइनस 10 डिग्री तापमान में हठयोग, बर्फ के बीच तप में लीन रहेंगे 11 साधु
शीतकाल में कड़ाके की ठंड के बीच बदरीनाथ में तपस्या में लीन रहेंगे 11 साधु, बर्फबारी के बीच जलती रहेगी आध्यात्म की लौ-
Nov 25 2021 2:43PM, Writer:अनुष्का ढौंडियाल
उत्तराखंड में अभी से कड़ाके की ठंड पड़ गई है। तापमान तेजी से ढुलक रहा है, लोगों के गर्म कपड़े निकल चुके हैं। आने वाले महीने में ठंड में और अधिक इजाफा होगा और जमा देने वाली ठंड पड़ेगी। उस सर्दी में हम सब तो अपने घरों में दुबके होंगे। अगर ऐसे में कोई आपको कह दे कि दिसंबर की कड़ाके वाली ठंड में हिमालय की सर्द बर्फ में साधु-संत तपस्या करेंगे, तो क्या आप इस पर यकीन करेंगे? अगर नहीं तो यकीन कर लीजिए क्योंकि ऐसा होने जा रहा है। जी हां, उत्तराखंड में सर्दियों का सीजन हद सर्द और जमाने वाला होता है। इसी कड़ाके की ठंड में बदरीनाथ मे तापमान माइनस 20 डिग्री तक चला जाता है। इन बर्फ़ीली चोटियों के बीच देवभूमि उत्तराखंड के 11 साधु तपस्यारत रहेंगे। प्रशासन ने इन्हें इसकी अनुमति प्रदान कर दी है। शायद यह यकीन करना मुश्किल हो मगर यह सच है। आगे पढ़िए
यह भी पढ़ें - सावधान! उत्तराखंड में 5 Km लंबे ग्लेशियर ने बदला रास्ता, जानिए अब क्या होने वाला है
11 साधु रहेंगे तप में लीन
1
/
बदरीनाथ धाम में सर्दियों के माह में जब भारी बर्फबारी हो रही होगी और रिकॉर्ड तोड़ ठंड पड़ रही होगी उस वक्त बदरीनाथ धाम में 11 साधु तपस्या में लीन होंगे। इस साल 50 साधुओं ने शीतकाल के दौरान तप की अनुमति हेतु आवेदन किया था, जिसमें जिला प्रशासन ने दस्तावेजों की गहन जांच पड़ताल के बाद 11 साधुओं को बदरीनाथ में प्रवास की अनुमति दे दी है।
माइनस 10 डिग्री तापमान में हठयोग
2
/
बदरीनाथ में शीतकाल के दौरान भारी बर्फबारी का मंजर दिखाई देता है। पूरा क्षेत्र लगभग 5 से 8 फुट बर्फ से जाता है। इस भयंकर ठंड में जीवित रहना बेहद मुश्किल होता है। मगर धाम में कड़ाके की ठंड भी आध्यात्म के लौ को बुझा नहीं पाई।
ये किसी चमत्कार से कम नहीं
3
/
यह भगवान विष्णु का कोई चमत्कार है कि बर्फीले इलाके में जहां ठंड बेहिसाब पड़ती हो वहां हर वर्ष साधु संत भगवान की तपस्या में लीन रहते हैं। यह किसी दैवीय चमत्कार से कम नहीं।
11 साधुओं को मिली इजाजत
4
/
उप जिलाधिकारी कुमकुम जोशी ने जानकारी देते हुए बताया कि जांच प्रक्रिया पूरने के बाद ही 11 साधुओं को शीतकाल में बदरीनाथ धाम में शीतकालीन प्रवास और तपस्या की अनुमति प्रदान की गई है। बता दें कि बदरीनाथ धाम के कपाट शीतकाल में 06 माह के लिए 20 नवंबर की शाम 6:45 बजे विधि-विधान के साथ बंद हो जाएंगे।