उत्तराखंड: ऐसे प्रॉपर्टी डीलरों से सावधान..प्लॉट के नाम पर रिटायर्ड कर्नल से ठगे 58 लाख रुपये
आरोपियों ने मेरठ के रिटायर्ड कर्नल से प्लॉट और मकान बनाने के नाम पर 58.23 लाख रुपये ले लिए, लेकिन कई महीने बीत जाने के बाद भी जमीन पर कब्जा नहीं मिला। आगे पढ़िए पूरी खबर
Nov 24 2020 12:36PM, Writer:Komal Negi
उत्तराखंड में जैसे-जैसे विकास के नाम पर कंक्रीट का जाल बिछ रहा है, जमीन-मकान के नाम पर होने वाली धोखाधड़ी के मामले भी बढ़ रहे हैं। जो लोग पहाड़ में आशियाना बनाने का सपना देखते हैं, उनके सपनों को कुछ जालसाजों ने ठगी का जरिया बना लिया है। अगर आप भी पहाड़ में जमीन-मकान लेने की सोच रहे हैं तो संभलकर रहें। वरना यूपी के रहने वाले रिटायर्ड लेफ्टिनेंट कर्नल की तरह आपको भी लाखों का नुकसान उठाना पड़ सकता है। आप धोखाधड़ी के शिकार हो सकते हैं। चलिए पूरा मामला बताते हैं। पीड़ित रक्षित कुमार मेरठ की डिफेंस कॉलोनी में रहते हैं। वो सेना से लेफ्टिनेंट कर्नल के पद से रिटायर्ड हैं। रक्षित कुमार उत्तराखंड में घर बनाना चाहते थे। साल 2018 में उन्होंने न्यूज पेपर में एक विज्ञापन देखा। जिसमें भवनों-जमीनों की खरीद फरोख्त करने सहित सभी सरकारी नियमों का पालन करने की बात लिखी गई थी। रक्षित भी झांसे में आ गए। उन्होंने दिए गए नंबरों पर कॉल की और रुद्रपुर पहुंच गए। आगे पढ़िए
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यहां उन्हें गुरदीप सिंह और मंदीप सिंह ने मयकोटा गांव ले जाकर प्लॉट दिखाया। सौदा पक्का होने पर दोनों ने जमीन पर भवन बनाने के लिए 27.23 लाख रुपये का भुगतान करवा लिया। इसके बाद आरोपियों ने उन्हें बिंदुखेड़ा में भी प्लॉट दिखाया। जिसकी कीमत 40 लाख रुपये बताते हुए 31 लाख रुपये का भुगतान करवा लिया। इस तरह आरोपियों ने पीड़ित से प्लॉट और मकान बनाने के नाम पर 58.23 लाख रुपये ले लिए। आरोप है कि कुछ माह बाद जब पीड़ित ने युवकों से दोनों प्लॉटों की रजिस्ट्री करवाने और निर्माण करवाकर उनके सुपुर्द करने को कहा तो आरोपी युवक आनाकानी करने लगे। ज्यादा दबाव बनाने पर आरोपियों ने उन्हें धमकी देना शुरू कर दिया। ठगी का अहसास होने पर पीड़ित रक्षित कुमार ने पुलिस में शिकायत की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। जिसके बाद उन्होंने कोर्ट में इंसाफ की गुहार लगाई। कोर्ट के आदेश पर कोतवाली पुलिस ने रुद्रपुर के दो युवकों के विरुद्ध ठगी का केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है। कोतवाल एनएन पंत ने बताया कि ठगी में केस दर्ज करवाने के बाद विवेचनाधिकारी को नियुक्त कर दिया गया है। आरोपियों की तलाश की जा रही है।