उत्तराखंड की माता वैष्णो देवी, जानिए इस मंदिर का 200 साल पुराना इतिहास !
पहाड़ में एक ऐसा मंदिर भी मौजूद है, जिसके बारे में कहा जाता है कि यहां असीम शक्तियां मौजूद हैं। जय मां वैष्णो देवी
Sep 26 2017 7:34AM, Writer:सुनैना
क्या आप जानते हैं कि उत्तराखंड में भी माता वैष्णो देवी का मंदिर मौजूद है। कहा जाता है कि ये मंदिर 200 साल पुराना है। इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि यहां के दर्शनों का महात्म्य भी वैसा है, जैसा जम्मू कश्मीर स्थित मां वैष्णो देवी मंदिर के दर्शन का है। ये मंदिर जिला मुख्यालय पौड़ी से 9 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। माना जाता है कि मां यहां अपने भक्तों की हर मनोकामना पूरी करती हैं। चैत्र नवरात्रों क वक्त इस मंदिर में एक भव्य मेला लगता है। इसके अलावा इस मंदिर तक पहंचने के लिए 10 मीटर की एक गुफा विशेष आकर्षण का केंद्र रहती है। अब आपको इस मंदिर के इतिहास के बारे में बता देते हैं। कहा जाता है कि ये मंदिर करीब 200 साल पुराना है। 90 के दशक में ये मंदिर काफी जीर्ण शीर्ण हो गया था। इसके बाद साल 2000 में स्थानीय लोगों ने एक बड़ा काम किया।
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स्थानीय लोग जम्मू-कश्मीर क कटरा से मां वैष्णो देवी की पिंडी ले आए। इस पिंडी को इस मंदिर में स्थापित किया गया है। इसके बाद से मंदिर में भक्तों और श्रद्धालुओं का आना जाना बढ़ता चला गया। मां वैष्णो देवी मंदिर अछरीखाल में स्थित है। इसके कपाट सालभर खुले रहते हैं, इसलिए यहां दर्शनों क लिए सालभर ही लोग जुटे रहते हैं। मां के मंदिर में देवी स्नान के बाद सुबह की आरती की जाती है। 7 बज मंदिर के कपाट भक्तों के लिए खुल जाते हैं। शाम की आरती के साथ ही सात बज मंदिर के कपाट बंद कर दिए जाते हैं। इस मंदिर के पीछे एक पौराणिक कहानी भी है। कहा जाता है कि मां वैष्णो देवी मंदिर अछरीखाल में एक बहत बड़ा सरोवर था। कहा जाता है कि इस सरोवर में यक्ष कन्याएं यानी अछरियां जल क्रीड़ा किया करती थी।
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एक बात और है कि अछरियों की वजह से इस जगह का नाम अछरीखाल पड़ा है। बताया जाता है कि इन अछरियों ने अपनी आराध्य देवी मां वैष्णो देवी के मंदिर को इस जगह पर बनाया था। हालांकि फिलहाल ये सरोवर सूख चुका है। मां वैष्णो देवी मंदिर के मुख्य पुजारी कहते हैं कि लोगों की मां वैष्णो देवी में श्रद्धालुओं की बड़ी आस्था है। मंदिर में यूं तो सालभर पूजा-अर्चना की जाती है। लेकिन चैत्र और शारदीय नवरात्रों में यहां विशेष पूजा अर्चना का आयोजन किया जाता है, जिसका अपना अलग महत्व है। मां वैष्णो देवी मंदिर अछरीखाल तक पहुंचने के लिए सड़क मार्ग ही सबस सही और उपयुक्त माध्यम है। मां का मंदिर पौड़ी-देवप्रयाग मोटर मार्ग पर अछरीखाल में हैं। अगर आप अब तक मां वैष्णों दवी क इस मंदिर नहीं आए हैं, तो एक बार जरूर आएं।